उस रात

उस रात कहीं एक ख्वाब  दिल मे घर कर गया
ना जाने क्यों  जिन्दिगी को एक मकसद मिल गया।

उस रात बिस्तर पर करवटे बदलता रहा,
बस  नींद  के आगोश मे जाने से बचता रहा।

वो रात काफी लंबी थी   और रातों से
उस रात दिल को बहलाने को एक साथी मिल गया।

उस रात चाँदनी ने आँगन मे दस्तक दी थी,
और  जुगनुओं ने आँगन की पहरेदारी की थी।

उस रात मैंने खुद को आईने मे देखा,
फिर खुद को देखने का नजरिया बदल गया।

वो रात मेरी जिन्दिगी की पहली सुबह थी,
उस रात के करिश्मा से मैं आबाद हो गया।

Comments