शायरी(शायरी)


 मैं इश्क़ का साथ छोड़ू तो कैसे ,
 इश्क़ को  रूह से मोहब्बत हो गयी है,
हैरान नहीं हूँ , मैं यह जानकर
 इश्क़ ने तो अपना फ़र्ज़ अदा किया है।

Comments