My first shayri

                  

 मुक्कदर से कह दो , कही और जा कर इतराये,

 हम  हौसलो  से  चट्टानों  को  तोड़  देंगे

 मुश्किल -ए-  बदलो   से  कह  दो,

 कही  और  जाकर  मंडराए,
 हम  बुलन्दियों  से आसमां  को चीर देंगे।

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