My first shayri on October 15, 2018 Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps मुक्कदर से कह दो , कही और जा कर इतराये, हम हौसलो से चट्टानों को तोड़ देंगे मुश्किल -ए- बदलो से कह दो, कही और जाकर मंडराए, हम बुलन्दियों से आसमां को चीर देंगे। Comments
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